आज के डिजिटल युग में बच्चे औसतन 3–6 घंटे मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप और टीवी पर बिता रहे हैं। छोटे बच्चों में YouTube, गेम्स और सोशल मीडिया कंटेंट की लत बढ़ रही है। इसके कारण:
बढ़ती उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया, स्कूल और सहपाठियों का मानसिक दबाव तेज़ी से असर डाल रहा है।
भारत के कई इलाकों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है:
इन हालात में बच्चे स्कूल से जुड़ाव महसूस नहीं करते, और धीरे-धीरे ड्रॉपआउट रेट बढ़ता है।